tujhe dill yaad karata hai, main tera naam gunagunata hoon

तुझे दिल याद करता है, मैं तेरा नाम गुनगुनाता हूँ।
तू विरह अग्नि भड़काता है, मैं विकारों को जलाता हूँ॥

तुझे सब ढूंढ़ते फिरते हैं, मंदिर तीरथ और वनों में।
तू मन मन्दिर में रहता है, मैं हर पल साथ पाता हूँ।
तुझे दिल याद करता है, मैं तेरा नाम गुनगुनाता हूँ।

संसार विषय भोग ललचाते है, जगत में ही फंसाते है।
तू राह के काँटे हटाता है, मैं नाम के फूल बिछाता हूँ।
तुझे दिल याद करता है, मैं तेरा नाम गुनगुनाता हूँ।

काम क्रोध लोभ भरमाते हैं, अज्ञान अंधकार डराते हैं।
तू ज्ञान प्रकाश फैलाता है, तब मैं राह देख पाता हूँ।
तुझे दिल याद करता है, मैं तेरा नाम गुनगुनाता हूँ।

मैं तेरी राह का पथिक हूँ, नहीं जब छांव मिलती है।
तू बादल बन छा जाता है, तब मैं पग चल पाता हूँ।
तुझे दिल याद करता है, मैं तेरा नाम गुनगुनाता हूँ।

मैं तेरी साख का एक फूल हूँ, एक दिन मुरझाना है।
तू चरणों में जगह देता है, तब मैं मुस्‍कुरा पाता हूँ।
तुझे दिल याद करता है, मैं तेरा नाम गुनगुनाता हूँ।




!! Shrimati Radharani Ki Jai !!
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